एनपीएस या नई पेंशन योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक रिटायरमेंट पेंशन स्कीम है। इसका प्रबंधन PFRDA (पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) द्वारा किया जाता है। यह स्कीम रिटायरमेंट फंड इकट्ठा करने में मदद करती है। भारत सरकार द्वारा इस स्कीम को स्टार्ट करने का मुख्य उद्देश्य भारत के सीनियर सिटीजन्स को फ्यूचर के लिए फाइनेंसियल सिक्योरिटी प्रदान करना है। नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) प्रभावशाली लॉन्ग-टर्म सेविंग्स ऑप्शन प्रदान करती है ताकि कोई भी व्यक्ति इस मार्किट बेस्ड प्लानिंग में इन्वेस्ट करके अपने रिटायरमेंट के समय की कुशलता से प्लानिंग कर सके।
भारत का कोई भी नागरिक (चाहे निवासी हो या एनआरआई) इस स्कीम में इन्वेस्ट कर सकता है। नागरिक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। हालांकि, विकलांग व्यक्तिओं या एनपीएस के मौजूदा सदस्यों को न्यू अकाउंट खोलने की अनुमति नहीं है। इसलिए, एक व्यक्ति केवल एक ही एनपीएस अकाउंट खोल सकता है।
NPS में टियर 1 और टियर 2 क्या है? | What is Tier 1 and Tier 2 in NPS in Hindi?
क्या आपके भी मन में यही सवाल है, कि NPS में टियर 1 और टियर 2 क्या है? तो आपको यहाँ मिलेगा सटीक जवाब। टियर 1 और टियर 2 मुख्यतः एनपीएस के दो भिन्न तरह के एकाउंट्स के प्रकार हैं, जिनके बारे में आप नीचे स्क्रॉल करके सभी आवश्यक विवरण जान सकेंगे। तो चलिए आगे बढिये और एनपीएस के विभिन्न प्रकारों और टियर 1 और टियर 2 के बारे में विवरण जानिए।
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एनपीएस अकाउंट के प्रकार | Types of NPS Accounts in Hindi
एनपीएस दो प्रकार के अकाउंट प्रदान करता है - टियर I और टियर II, आप नीचे एनपीएस के दोनों प्रकार के अकाउंट के बारे में जानकारी जान सकेंगे।
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एनपीएस टियर I अकाउंट | NPS Tier I Account Details in Hindi
एनपीएस टियर I अकाउंट एक अनिवार्य अकाउंट है और यह रिटायरमेंट के लिए सेविंग करने के लिए ओपन कराया जाता है। जब आप एनपीएस टियर I अकाउंट खोलते हैं, तो आपको एक परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) प्रदान किया जाता है। आपको एनपीएस टियर I अकाउंट ओपन करते समय न्यूनतम 500 रूपये का योगदान करना होगा। हालांकि, अधिकतम योगदान की कोई सीमा नहीं है।
जब तक आप 60 साल के नहीं हो जाते, तब तक खाते में पैसा लॉक-इन रहता है। इसका मतलब है कि आप 60 साल की उम्र के बाद संचित राशि (accumulated amount) को निकाल सकते हैं।
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एनपीएस टियर II अकाउंट | NPS Tier II Account Details in Hindi
एनपीएस टियर II अकाउंट एक वोलंटरी अकाउंट है जिसे तभी खोला जा सकता है जब आपके पास टियर I अकाउंट हो। यह फ्लेक्सिबल विथड्रॉ वाला अकाउंट है। हालांकि टियर II अकाउंट लगभग टियर I एकाउंट्स की तरह काम करता है, लेकिन कुछ अंतर हैं।
एनपीएस टियर II अकाउंट खोलने के लिए, आपको न्यूनतम रु. 500 की आवश्यकता होती है, तो वही टियर II अकाउंट के लिए कोई न्यूनतम सीमा नहीं है।
इसके अलावा, टियर I अकाउंट के विपरीत, टियर II अकाउंट में योगदान किसी भी इनकम टैक्स छूट के लिए योग्य नहीं है। हालांकि, ध्यान दें कि वर्किंग कैपेसिटी के मामले में, टियर I और टियर II दोनों अकाउंट समान हैं। टियर II अकाउंट में फंड मैनेजमेंट कॉस्ट्स और इंवेस्टमेंट्स विकल्प टियर I अकाउंट के समान हैं। चूंकि टियर II अकाउंट खोलने के लिए प्राथमिक मानदंड (Primary Criteria) टियर I अकाउंट का होना है, इसलिए आपको केवाईसी दस्तावेज (KYC Documents) जमा करने की आवश्यकता नहीं है।
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एनपीएस टियर 1 और एनपीएस टियर 2 में अंतर | Difference Between NPS Tier 1 & NPS Tier 2 in Hindi?
टियर 1 और टियर 2 एनपीएस के बीच बड़ा अंतर यह है कि एनपीएस टियर I के लिए हर साल कम से कम एक बार भुगतान करना अनिवार्य है। लॉक-इन अवधि (Lock in Period) की सुविधा नहीं होने के कारण ऐसे नियम एनपीएस टियर 2 पर लागू नहीं होते हैं। साथ ही, आप इसे एक सेविंग्स अकाउंट की तरह उपयोग कर सकते हैं और जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं।
इसके अलावा, यहाँ एनपीएस टियर 1 और एनपीएस टियर 2 के विभिन्न अंतरों को वर्णित किया गया है!
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पात्रता: 18 से 65 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी भारतीय नागरिक टियर 1 अकाउंट खोल सकता है, जहां आवेदक को एक परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) दी जाएगी। दूसरी ओर, एनपीएस टियर 2 अकाउंट के लिए पात्र होने के लिए, आपको एनपीएस टियर 1 का सदस्य होना चाहिए।
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लॉक-इन अवधि: एनपीएस टियर 1 के मामले में, यह अवधि ग्राहक के 60 वर्ष की आयु तक चलती है। टियर 2 अकाउंट में कोई लॉक-इन अवधि नहीं होती है, यही वजह है कि आप जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं।
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कंट्रिब्यूशंस: जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, टियर 1 अकाउंट खोलने के लिए न्यूनतम योगदान ₹500 और टियर 2 अकाउंट के लिए ₹1000 है। यह प्रमुख एनपीएस टियर 1 और टियर 2 अकाउंट अंतरों में से एक है।
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कंट्रीब्यूशन पर इनकम टैक्स का लाभ: यह विशेष पैरामीटर एनपीएस टियर 1 और टियर 2 को समझने और यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि कौन सा बेहतर है। एनपीएस टियर 1 के लिए 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक और 80CCD (1B) के तहत 50,000 रुपये तक इनकम टैक्स कटौती उपलब्ध है। हालांकि, टियर 2 अकाउंट के मामले में ऐसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
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विथड्रावल के समय टैक्स: मचुरिटी पर, एनपीएस टियर 1 अकाउंट के लिए कुल राशि इनकम टैक्स से मुक्त है। दूसरी ओर, यदि आप टियर 2 अकाउंट का विकल्प चुनते हैं, तो टोटल फंड इन्वेस्टर्स की इनकम टैक्स योग्य आय में जुड़ जाता है और आईटी स्लैब दर के अनुसार इनकम टैक्स लगाया जाता है। इस प्रकार, इन्वेस्टर्स पर्याप्त एनपीएस टियर 1 और टियर 2 इनकम टैक्स का लाभ प्राप्त कर सकता है।
इन अंतरों को अलग रखते हुए, एनपीएस टियर 1 और टियर 2 दोनों में कार्यशील पूंजी के मामले में कुछ समानताएं हैं। उदाहरण के लिए, उपलब्ध एसेट क्लासेज, इक्विटी, कॉर्पोरेट लोन, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड सहित इन दोनों एकाउंट्स के लिए फंड मैनेजमेंट शुल्क समान हैं।
ऊपर बताये गए विवरण से आप यह तो जान ही चुके होंगे की NPS में टियर 1 और टियर 2 क्या है और इसके बीच में क्या अंतर हैं, यदि आप भी एनपीएस (NPS) में इन्वेस्ट करने की योजना बना रहे हैं, तो जल्द से जल्द इन्वेस्टमेंट करना शुरू करें जिससे आपको सही समय पर सही रिटर्न प्राप्त हो सके।