बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम मुनाफा बनाने का सबसे पसंदीदा मेथड है। फिक्स्ड डिपॉजिट सात दिनों से दस वर्ष तक के अंतराल तक किया जाता है। बचत खाते के बदले फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज लगभग दोगुना है। यह फिक्स्ड डिपॉजिट को शार्ट और लॉन्ग अवधि के दोनों इन्वेस्टर्स के लिए एक बढ़िया विकल्प बनाता है।हाल के दिनों में निवेशकों के बीच फिक्स्ड डिपॉजिट की लोकप्रियता बढ़ी है। ऐसा फिक्स्ड डिपॉजिट में कैपिटल सेफ्टी व सुनिश्चित रिटर्न के कारण है।
7.1%*
Guaranteed Plan
(by insurance companies)
(10 Years)
6.5%**
Fixed Deposits
(by SBI bank)
(5-10 Years)
7.1%***
Public Provident Fund
(other popular options)
(15 Years)
हर बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट की सिक्योरिटी प्रदान करता है। इसके अलावा कई एनबीएफसी भी अपने कस्टमर को एफडी की फैसिलिटीज प्रदान करती है । बैंक के मुकाबले एनबीएफसी ग्राहकों को फिक्स्ड डिपॉजिट पर अधिकतम ब्याज प्रदान करता है लेकिन एनबीएफसी में एफडी को बैंक एफडी की तुलना में कम सिक्योर मानते है | बैंक एफडी ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है।
बैंक FD और NBFC पर जो ब्याज प्रदान करते है, वो ही एक्चुअल रिटर्न है. कस्टमर अपनी आवश्यकता व बैंक के द्वारा जो मिल रहे इंटरेस्ट के कैलकुलेशन से FD में इन्वेस्ट किया जा सकता हैं।
साथ ही साथ फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले इंटरेस्ट की विथड्रावल का टेन्योर फिक्स्ड कर सकते है| फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज को निवेश के समय सिलेक्ट कर सकते है यदि आप इसे मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक, वार्षिक या एफडी के परिपक्व हो जाने के बाद चाहते हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने के समय , न केवल ब्याज दरों बल्कि लिक्विडिटी की भी चिंता रखना चाहिए। फिक्स्ड डिपॉजिट को जरूरत के समय निकालने में परेशानी ना हो।
फिक्स्ड डिपॉजिट में ज्यादा से ज्यादा इंटरेस्ट बनाने के लिए परफेक्ट टाइमिंग को याद रखना जरूरी है। सही समय का मतलब केवल फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि नहीं , किन्तु विभिन्न मैच्योरिटी पीरियड में मिलने वाले रिटर्न का कैलकुलेशन भी सही है , जिसके माध्यम से व्यक्ति अधिकतम ब्याज अर्जित करने में सक्षम हो सकता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट में लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न कमाने का एक तरीका अपनाया जा सकता है। फिक्स्ड डिपॉजिट वास्तव में बेहतर होता है अगर इसे लॉन्ग टर्म के लिए करें। वास्तव में , बैंक यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न शुल्क लगाते हैं कि ग्राहक उस अवधि से पहले राशि नहीं निकालता है जिसके लिए उसने फिक्स्ड डिपॉजिट किया है।
फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा रिटर्न प्राप्त करने का एक अच्छा मेथड यह भी है कि आप अपने इन्वेस्टमेंट को अलग अलग हिस्सों में बांट दें और उन्हें कई विविद परिपक्वता पीरियड में निवेश करें। इस प्रक्रिया को लैडर कहा जाता है।
लैडरिंग सुविधा का मतलब है कि फिक्स्ड डिपॉजिट रेगुलर इंटरवल्स पर मैच्योर होता रहेगा , जिससे रिटर्न में इजाफा होगा।
जैसे मान लीजिए कि फिक्स्ड डिपॉजिट में 5 लाख रुपये का इन्वेस्टमेंट किया गया है। जिसमे आपको वार्षिकी इंटरेस्ट 9 परसेंट दिया जा रहा है। फिर आप एक वर्ष तक एक लाख रुपए निवेश करें। अब बची हुई रकम से एक लाख रुपए दो साल तक निवेश करें। बची हुई रकम में से 1 लाख रुपये तीन साल के लिए , फिर 1 लाख रुपये चार साल के लिए और आखिरी 1 लाख रुपये पांच साल के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करें।
इस प्रक्रिया का मतलब है कि 5 लाख रुपये को 5 हिस्सों में बांटकर पांच अलग - अलग टेन्योर के फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा किया है।
जब फिक्स्ड डिपॉजिट एक वर्ष के बाद परिपक्व होता है , तो आपको 1.09 लाख राशि वापस मिल जाएगी। अगर इस राशि को 5 वर्ष के फिक्स्ड डिपॉजिट में फिर से निवेश किया जाता है तो ऐसी संभावना है कि इस समय बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर 10 फीसदी ब्याज की पेशकश कर सकते हैं।
इसी तरह दूसरी एफडी में जो दो साल बाद मैच्योर होने वाली है , उसे अवधि पूरी होने के बाद अगले पांच के लिए फिर से निवेश करें।
इसकी एक विशेषता यह भी है कि इंटरेस्ट रेट बढ़ने पर तो इसका फायदा आपको हमेशा मिलता रहेगा।
अलग - अलग कार्यकाल ( सीढ़ी ) के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट में अलग - अलग राशि का निवेश न केवल समय पर धन प्राप्त करने में मदद करता है , निवेश का यह तरीका बाकी सब कुछ भी नियंत्रण में रखता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट में लैडरिंग की सहायता से रेगुलर इंटरवल पर पैसा निकाला जाता है। ऐसी स्थिति में जरूरत के समय पैसा वापस कर दिया जाता है। इसमें फिक्स्ड डिपॉजिट कर अगर फिक्स्ड टाइम से पहले रकम निकाल ली जाए तो नुकसान की सम्भावना हो सकती है ।
अगर किसी ने 5 वर्ष के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट किया है और उसे 4 वर्ष के भीतर निकालना चाहता है तो बैंक पेनल्टी लगाता है।
सीढ़ी चढ़कर आप प्रत्येक वर्ष रकम की कीमत का एक परसेंट निकला भी जा सकता है, क्योंकि इसमें फिक्स्ड डिपॉजिट इसी समय के लिए ही किया जाता है।
इसका एक और बड़ा लाभ यह है कि उस समय बाजार में इंटरेस्ट रेट का आसानी से लाभ उठा सकेंगे।
अगर आपने लैडर डिपॉजिट किया है , तो आपके हाथ में साल में एक बार पैसा होगा। आप चाहें तो इसे 6 माह या तीन माह के में बीच में फिक्स्ड डिपॉजिट भी करा सकते हैं।
शुरुआत में ऐसा हो भी सकता है कि आप सीढ़ीदार फिक्स्ड डिपॉजिट के फायदों को न समझें। लेकिन जब हम इसे लगातार रखेंगे और इसकी गणना करेंगे तो इसका फायदा दिखेगा।
लैडरिंग फिक्स्ड डिपॉजिट एक अच्छा विकल्प है लेकिन यह हमेशा अच्छा रिटर्न प्राप्त करने के लिए हमेशा सही ऑप्शन नहीं होता है। इसका कारण इंटरेस्ट रेट में कमी का माहौल है , अगर ऐसा है तो कम ब्याज मिलने की संभावना है।
10 वर्ष की अवधि के लिए लैडरिंग फिक्स्ड डिपॉजिट की बात की जाए तो लैडरिंग एफडी के लिए अच्छे इंटरेस्ट बनाने में कारगर होता है ।
सेवानिवृत्त कर्मचारी जिन्हें दैनिक खर्चों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट पर निर्भर रहना पड़ता है।
लॉन्ग टर्म एफडी निवेशक जो ब्याज दरों की अनिश्चितता से लड़ रहे हैं।
इसमें छोटी अवधि के लिए भी निवेश करना बेहतर होता है , जो वित्तीय लक्ष्य ( छुट्टी पर जाना , घर खरीदने के लिए डाउन पेमेंट ) पर आधारित हो सकता है।
*All savings are provided by the insurer as per the IRDAI approved
insurance plan. Standard T&C Apply
+ Trad plans with a premium above 5 lakhs would be taxed as per
applicable tax slabs post 31st march 2023
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